देहरादून, 23 सितम्बर। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की हालिया रिपोर्ट में उत्तराखण्ड ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में ₹5,310 करोड़ का राजस्व अधिशेष दर्ज कर ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। इस उपलब्धि के साथ उत्तराखण्ड उन चुनिंदा राज्यों में शामिल हो गया है, जिन्होंने इस अवधि में राजस्व अधिशेष दर्ज किया है।
सीएजी रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु
वित्तीय वर्ष 2022-23 में उत्तराखण्ड ने ₹5,310 करोड़ का राजस्व अधिशेष दर्ज किया।
यह उपलब्धि राज्य की वित्तीय स्थिति में उल्लेखनीय सुधार का संकेत है।
कभी “बिमारू” श्रेणी से जोड़े जाने वाले प्रदेश ने अब सुदृढ़ वित्तीय प्रबंधन का उदाहरण प्रस्तुत किया है।
वित्तीय अनुशासन और पारदर्शी नीतियों के बल पर राज्य ने चुनौतियों को अवसर में बदला।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस उपलब्धि पर कहा कि सीएजी की रिपोर्ट में दर्ज यह सफलता उत्तराखण्ड की सुशासन नीतियों का परिणाम है। उन्होंने कहा, “हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के ‘विकसित भारत’ के संकल्प से प्रेरणा लेकर राज्य को वित्तीय रूप से सशक्त बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। यह केवल आंकड़ों की उपलब्धि नहीं, बल्कि उत्तराखण्ड की आर्थिक आत्मनिर्भरता और समृद्ध भविष्य की दिशा में रखा गया एक मजबूत कदम है। सरकार पारदर्शिता, जवाबदेही और वित्तीय अनुशासन की नीति पर आगे बढ़ते हुए उत्तराखण्ड को एक विकसित और आत्मनिर्भर राज्य बनाने के संकल्प के साथ कार्य कर रही है।”
सीएजी की रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखण्ड का यह प्रदर्शन न केवल वित्तीय मजबूती का प्रमाण है, बल्कि राज्य के आर्थिक परिदृश्य में सकारात्मक बदलाव का संकेत भी देता है।
