जनपद की पांच गौशालाओं को 01 अड़गडा एवं 01 कैटल लिफ्टिंग मशीन मिलेगी

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चम्पावत 23 जुलाई 2025 ।

*प्रशासन की संवेदनशील पहल, पाँच गौशालाएं होंगी बेहतर देखभाल के संसाधनों से युक्त*

*पशु कल्याण को बल: जिलाधिकारी की स्वीकृति से पांच समितियों को मिलेगा लाभ*

जनपद चंपावत में संचालित गौशालाओं की अवस्थिति को और अधिक व्यवस्थित, सुरक्षित तथा सुदृढ़ बनाने की दिशा में प्रशासन द्वारा एक महत्त्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। जिलाधिकारी मनीष कुमार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के अंतर्गत ‘अनटाइड फंड’ के अंतर्गत ₹4,50,000/- (चार लाख पचास हजार रुपये) की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है*। यह राशि 5 अड़गडों और 5 कैटल लिफ्टिंग मशीनों की खरीद हेतु आवंटित की गई है।

यह निर्णय विशेष रूप से 7 जुलाई को सम्पन्न जनपदीय पशु क्रूरता निवारण समिति एवं गौसदन की स्थापना एवं संचालन विषयक बैठक के दौरान गौसदन संचालकों द्वारा जिलाधिकारी के समक्ष व्यक्त की गई आवश्यकताओं के आलोक में लिया गया है। बैठक में गौशाला संचालकों ने पशुओं की देखभाल एवं आपातकालीन प्रबंधन के लिए अड़गडे एवं कैटल लिफ्टिंग मशीनों की आवश्यकता जताई थी। इस पर जिलाधिकारी ने सकारात्मक रुख दिखाते हुए शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दिया था, जिसे अब मूर्त रूप दिया गया है।

*उपलब्ध कराई गई वित्तीय स्वीकृति के अंतर्गत जनपद की पाँच सक्रिय गौ सेवा समितियों — गर्ग ऋषि गौ सेवा समिति, किमाड़ (पाटी); श्री नित्य आश्रम गौ सेवा समिति, कालाझाला (टनकपुर); मां पूर्णागिरि गौशाला, गरसाड़ी (पाटी); मां कामधेनु सेवा समिति, मडलक (लोहाघाट); तथा भारद्वाज गौ सेवा समिति, थपलागूठ — को प्रत्येक को 01 अड़गडा एवं 01 कैटल लिफ्टिंग मशीन प्रदान की जाएगी।*

ये उपकरण विशेष रूप से बीमार, घायल, वृद्ध अथवा असहाय गोवंश के उठान, स्थानांतरण एवं आपातकालीन प्रबंधन में अत्यंत उपयोगी सिद्ध होंगे। इस पहल से न केवल गौशालाओं की संचालन क्षमता में वृद्धि होगी, बल्कि पशु कल्याण के क्षेत्र में भी स्थायी सुधार सुनिश्चित होगा।

मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. वसुंधरा गर्ब्याल ने बताया कि यह निर्णय जनपद के गौ सदनों के संचालन को और अधिक सुचारू एवं सक्षम बनाने में सहायक होगा। उन्होंने कहा कि अड़गडे एवं कैटल लिफ्टिंग मशीनें विशेष रूप से उन परिस्थितियों में अत्यंत उपयोगी होती हैं, जहाँ पशु खड़े नहीं हो पाते या सड़क/मैदानी क्षेत्रों से स्थानांतरित करने की आवश्यकता होती है।

जिलाधिकारी मनीष कुमार ने कहा कि प्रशासन का उद्देश्य केवल गोवंश की रक्षा नहीं, बल्कि उन्हें सम्मानपूर्वक जीवन देने की दिशा में निरंतर प्रयास करना है। 7 जुलाई की बैठक में जो भी सुझाव सामने आए, उनमें से प्राथमिक जरूरतों को शीघ्रता से पूरा करने की दिशा में यह निर्णय पहला ठोस कदम है। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में गौ सदनों के अन्य बुनियादी जरूरतों पर भी समुचित कार्यवाही की जाएगी।

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