नगर निगम घोटाले के मास्टरमाइंड पर क्यों साध ली चुप्पी!
राजभवन की उदासीनता प्रदेश को धकेल रही है गर्त में
सैकड़ो करोड़ की अघोषित संपत्ति की क्यों नहीं करवाई जा रही जांच
देहरादून 21 जुलाई। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकार वार्ता करते हुए कहा कि महाभ्रष्ट कृषि मंत्री गणेश जोशी द्वारा जिस तरह से लगातार घोटालों को अंजाम दिया जा रहा है उससे सरकार व प्रदेश की छवि धूमिल होती जा रही है, लेकिन राजभवन को ये गूंज सुनाई नहीं दे रही है।
मोर्चा का कहना था कि ऐसे महाभ्रष्ट मंत्री को तत्काल मंत्रिमंडल से निकाल बाहर किया जाना चाहिए। इसके साथ-साथ नगर निगम भूमि खरीद घोटाले के मास्टरमाइंड की भूमिका, जिनके दबाव में अधिकारियों द्वारा सरकार को 40 करोड रुपए की चपत लगाने की साजिश रची गई, राजभवन द्वारा संज्ञान न लिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। राजभवन की भूमिका से प्रतीत होता है कि राजभवन सिर्फ और सिर्फ एशगाह बनकर रह गई है, जिसका जन सरोकारों से कोई लेना देना नहीं है। आखिर गवर्नर साहब ने क्यों जनता से मुंह मोड़ लिया है? नेगी ने कहा कि उक्त मंत्री द्वारा सबसे पहले घोटाले बाज उद्यान निदेशक बवेजा को सीबीआई जांच से बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल करवाई तथा इसी क्रम में हाल ही में कृषि मित्र मेला में घोटाले की पटकथा को अंजाम दिया गया व तराई बीज विकास निगम की परिसंपत्तियों करने में भी घोटाले का आरोप मंत्री के सर पर है। आय से अधिक मामले में न्यायालय द्वारा सरकार से इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने को लेकर सहमति मांगी गई, लेकिन शासन द्वारा इनको अभय दान दे दिया गया। जैविक खेती, बागवानी में भी गड़बड़ी के आरोप इनके सर पर हैं | इसके साथ-साथ निर्माणाधीन सैन्य धाम में गड़बड़ी तथा विदेशी टूर में लाखों रुपए की बर्बादी का आरोप भी उक्त भ्रष्ट मंत्री के सर पर है। नेगी ने कहा कि उक्त महा भ्रष्ट मंत्री द्वारा 5-7 साल में सैकड़ों करोड़ की अघोषित संपत्ति अपने गुर्गों, परिजनों, रिश्तेदारों के नाम अर्जित कर ली है, जिसकी जांच होनी बहुत जरूरी है | हाल ही में उच्च न्यायालय द्वारा उपरोक्त तमाम गड़बड़ियों के मामले में मंत्री गणेश जोशी को नोटिस जारी किया गया है, इसका संज्ञान लेकर सरकार को उक्त भ्रष्ट मंत्री को मंत्रिमंडल से निकल बाहर करना चाहिए। इस बात की भी जांच होनी चाहिए कि जो व्यक्ति 15-20 साल पहले मुफलिसी के दिन गुजर रहा था, एकदम कैसे सैकड़ों करोड़ (अघोषित) का मालिक बन बैठा। राजभवन इस बात की भी जांच कराये कि जनपद देहरादून व आसपास जितने भी कंपलेक्स, मॉल अपार्टमेंट इमारतें बने हैं, उनमें कितने इनके परिजनों व गुर्गों के नाम धमकाकर हासिल किए गए हैं। भ्रष्ट मंत्री के काले कारनामों के चलते प्रदेश की छवि धूमिल हो रही है। मोर्चा राजभवन की उदासीनता एवं गैर जिम्मेदाराना रवैया के खिलाफ लानत भेजता है।पत्रकार वार्ता में भीम सिंह बिष्ट व अतुल हांडा मौजूद थे।
